Indus

Monday, September 13, 2010

हर सुबह नया दिन लाती है...

हर सुबह एक नया दिन लाती है
नयी सोच नया जमाना लाती है
हर किरण फूल एक खिलाती है
महकी भीनी भीनी खुशबू फैलाती है
हर सुबह नया दिन लाती है

6 comments:

  1. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! सही में हर सुबह एक नया दिन लाती है!

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  2. कोई शक नहीं - बिलकुल सही

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  3. बहुत ही सुन्दर कविता......... नये सवेरे का एहसास कराती एक लाजबाव रचना हैँ आपकी ये। हार्दिक शुभकामनायेँ! -: VISIT MY BLOG :- (1.) तुम ऐसे मेँ क्यूँ रुठ जाती हो ............... कविता को पढ़कर तथा (2.) Mind and body researches......ब्लोग को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप उपरोक्त दोनोँ लिँको पर क्लिक कर सकती हैँ।

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