khubsurat panktiyan.
बहुत सुन्दर पंक्तियाँ! सही में हर सुबह एक नया दिन लाती है!
कोई शक नहीं - बिलकुल सही
Behatareen panktiyan.
बहुत ही सुन्दर कविता......... नये सवेरे का एहसास कराती एक लाजबाव रचना हैँ आपकी ये। हार्दिक शुभकामनायेँ! -: VISIT MY BLOG :- (1.) तुम ऐसे मेँ क्यूँ रुठ जाती हो ............... कविता को पढ़कर तथा (2.) Mind and body researches......ब्लोग को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप उपरोक्त दोनोँ लिँको पर क्लिक कर सकती हैँ।
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ReplyDeleteबहुत सुन्दर पंक्तियाँ! सही में हर सुबह एक नया दिन लाती है!
ReplyDeleteकोई शक नहीं - बिलकुल सही
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ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता......... नये सवेरे का एहसास कराती एक लाजबाव रचना हैँ आपकी ये। हार्दिक शुभकामनायेँ! -: VISIT MY BLOG :- (1.) तुम ऐसे मेँ क्यूँ रुठ जाती हो ............... कविता को पढ़कर तथा (2.) Mind and body researches......ब्लोग को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ। आप उपरोक्त दोनोँ लिँको पर क्लिक कर सकती हैँ।
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