हर पल सपनो में रहती हूँ मैं
कल कल नदिया सी बहती हूँ मैं
कभी बादलों में उडती हूँ और
कभी सागर में मिलती हूँ मैं
फूलों सी महकाऊ कभी
कभी पूरी बगिया हूँ मैं
खूब कभी रोती रहती हूँ
और कभी बहुत हँसती हूँ मैं
हर पल एक नया ख्वाब और
नयी दुनिया सजा लेती हूँ मैं