मैं एक नन्ही सी कविता
जो सबको खुश कर जाऊं
कभी मैं बहती सरिता
जो मन को शीतल कर जाऊं
किसी पल मैं उडती तितली
हर दिल को बहलाऊं
कभी मैं बन एक हिरनी
वन उपवन में छा जाऊं
कभी मै बनकर हसीं
सबके होठों पर मुस्काऊं
कभी बनू मै कटुता औ
आँखों से आंसू छल्काऊं
कभी बनकर ख़ुशी इक
हर जीवन को हरषाऊ
कभी लाकर लहर इक गम की
लाखो आंसू दे जाऊं
Beautiful poetry !
ReplyDeleteअंतिम पंक्तियाँ दिल को छू गयीं.... बहुत सुंदर कविता....
ReplyDeleteब्लॉग को पढने और सराह कर उत्साहवर्धन के लिए शुक्रिया.
ReplyDeleteमन के उपजे विचार बहुत सुन्दर ढंग से पिरोये हैं
ReplyDeleteसुन्दर भावाभिव्यक्ति !
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर एवं भावमय प्रस्तुति ।
ReplyDeletebahut hi bhavpravan prastuti.eksachchi kavita ka roop.
ReplyDeleteमैं एक नन्ही सी कविता
जो सबको खुश कर जाऊं
कभी मैं बहती सरिता
जो मन को शीतल कर जाऊं
किसी पल मैं उडती तितली
हर दिल को बहलाऊं
कभी मैं बन एक हिरनी
वन उपवन में छा जाऊं
कभी मै बनकर हसीं
सबके होठों पर मुस्काऊं
aabhar----------------------poonam
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ...आप उपवन उपवन गुलशन गुशन छाएं..
ReplyDeleteमैं एक नन्ही सी कविता
ReplyDeleteजो सबको खुश कर जाऊं ...
सुंदर कविता है ....भावनाओं से भरी ....
कभी मै बनकर हसीं
ReplyDeleteसबके होठों पर मुस्काऊं
बस यही बने रहना। सुन्दर कविता। बधाई।
एक खूबसूरत और मासूम कविता
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